FOOD FOR THOUGHT
भारत विभिन्न संस्कृतियों का देश है और ये संस्कृतियां व समूह अलग-अलग प्रदेश, धर्म और मान्यताओं से जुड़े हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं कि शाकाहार हमारी संस्कृति में एक बड़े वर्ग द्वारा स्वीकारा गया है और यह एक कारण है कि भारतीय जनसँख्या में 30% शाकाहारी लोग हैं। इन सब तथ्यों के बावजूद पिछले कुछ समय में शाकाहार से जुड़ी अनेक धारणाएं सामने आई हैं, आइये हम इन भ्रांतियों को जाने और सच्चे तथ्यों पर प्रकाश डालें –
#1: शाकाहारी खाना स्वादिष्ट नहीं होता
शाकाहार में प्रयोग होने वाली सब्जियों का कुदरती रूप में अपना एक स्वाद होता है और उन्हें पकाते समय अगर सही विधि अपनायी जाये और स्वादानुसार मसालों का प्रयोग करें तो स्वाद और निखर कर आता है। सही प्रकार से कटी हुई सब्जियां, उपयुक्त मसाले और फलियों का सही मिश्रण शाकाहारी खाने को और भी स्वादिष्ट बनाता है।
#2: शाकाहारी आहार सेहतमंद नहीं
पिछले कुछ वर्षों में स्वस्थ जीवनशैली के सकारात्मक प्रचलन के साथ ये भ्रान्ति प्रचलित हो रही है की शाकाहारी भोजन में प्रोटीन एंव अन्य पोषक तत्वों का अभाव होता है – ऐसा बिलकुल नहीं है; अपितु अगर आप सही मात्रा में फल, अनाज, सब्जियां व फलियों का सेवन करें तो आप कुदरती रूप से सारे पोषक तत्वों का लाभ उठा सकते हैं। तथ्य ये है की हरी सब्ज़ियों में मौजूद फाइबर और पानी शरीर को कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाते हैं और इनमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है।
#3. शाकाहारी आहार बढ़ते हुए बच्चों के लिए फायदेमंद नहीं
वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार शाकाहारी भोजन में दस महत्वपूर्ण एमिनो एसिड्स होते हैं और इनकी मौजूदगी बच्चे के पूर्ण विकास के लिए अत्त्यावश्यक है। कुदरती रूप में प्राप्त होने वाले फल और सब्जियों से बच्चों को संपूर्ण प्रोटीन एंव पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है।
#4. शाकाहारी लोग मांसाहारियों की आलोचना करते हैं
सच्चाई यह है की शाकाहार एंव मांसाहार एक व्यक्ति विशेष का चुनाव है और दोनों वर्गों में से कोई भी किसी की आलोचना नहीं करता।एक वर्ग दूसरे वर्ग के खान-पान के चुनाव को लेकर जिज्ञासु हो सकता है परन्तु भारत जैसे विस्तृत और अनेकों संस्कृतियों वाले देश में खान-पान को लेकर आलोचना एक अतिश्योक्ति ही है।
आशा है की उपरोक्त भ्रांतियों को तोड़ते हुए एंव तथ्यों को ध्यान में रखकर आप एक सुखद शाकाहारी जीवनशैली को निभा पाएंगे।
#5. शाकाहार में वांछित मात्रा में प्रोटीन नहीं होता
यह सबसे ज्यादा प्रचलित मिथक है। शाकाहारी भोजन में प्रोटीन प्राप्त करने के लिए अनेक स्रोत्र हैं। हमारे पूर्वजों ने हज़ारों वर्षों तक शाकाहार अपनाकर जीवनयापन किया है और आज भी अनेक लोग ऐसा कर रहे हैं। एक तिहाई भारतीय आज भी स्वस्थ रूप से शाकाहारी हैं। और इसके साथ ही शाकाहारी लोग डायबिटीज, ह्रदय रोग और कैंसर से माँसाहारी जनसँख्या की तुलना में ज्यादा सुरक्षित हैं।
अगर प्रोटीन की वांछित मात्रा आपको मांसाहार के लिए मजबूर करती है तो आपके पास गुड डॉट शाकाहारी मीट अपनाने का विकल्प भी है। साथ ही गुड डॉट प्रोडक्ट्स 100% शाकाहारी हैं और दिखने एंव स्वाद में आपको मांसाहार के सामान ही प्रतीत होंगे।
आशा है की उपरोक्त भ्रांतियों को तोड़ते हुए एंव तथ्यों को ध्यान में रखकर आप एक सुखद शाकाहारी जीवनशैली को निभा पाएंगे।
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